29 मार्च 2025 को साल का पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) लगने जा रहा है। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो भारतीय समयानुसार दोपहर 2:20 बजे से शाम 6:13 बजे तक रहेगा। यह ग्रहण मीन राशि और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा, जिसका धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व है। इस लेख में हम ग्रहण का समय, सूतक काल, दृश्यता, धार्मिक नियम और राशियों पर प्रभाव सहित सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान करेंगे।
29 मार्च 2025 को साल का पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) लगने जा रहा है। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो भारतीय समयानुसार दोपहर 2:20 बजे से शाम 6:13 बजे तक रहेगा। यह ग्रहण मीन राशि और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा, जिसका धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व है। इस लेख में हम ग्रहण का समय, सूतक काल, दृश्यता, धार्मिक नियम और राशियों पर प्रभाव सहित सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान करेंगे।
Surya Grahan 2025
Surya Grahan 2025 : ग्रहण एक भले की खगोलीय घटना हो, लेकिन इसका ज्योतिष में बहुत ही अधिक महत्व है। ऐसे ही 29 मार्च को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जिसके कारण यह भारत में नजर नहीं आएगा। मूल रूप से ये ग्रहण दक्षिण अमेरिका, आंशिक उत्तरी अमेरिका, उत्तरी एशिया, उत्तर-पश्चिम अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी ध्रुव, आर्कटिक महासागर और अटलांटिक महासागर आदि जगहों पर दिखाई देगा। बता दें कि ये सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा, जिससे सूतक काल मान्य नहीं होगा। लेकिन मानव जीवन पर इसका काफी असर देखने को मिलने वाला है।
सूर्य ग्रहण 2025: तिथि और समय
- तिथि: 29 मार्च 2025 (शनिवार)
- शुरुआत: दोपहर 2:20 बजे (भारतीय समयानुसार)
- चरम स्थिति: शाम 4:17 बजे
- समाप्ति: शाम 6:13 बजे
- कुल अवधि: 3 घंटे 53 मिनट
किस समय लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2025 Time In India)
भारतीय समय के अनुसार, 29 मार्च को दोपहर 2:21 से शुरू होगा और शाम 6:14 तक रहेगा। इस ग्रहण की कुल अवधि करीब 3 घंटे 53 मिनट तक होगी।
क्या भारत में दिखेगा सूर्य ग्रहण?
नहीं, यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा। यह मुख्य रूप से निम्न क्षेत्रों में दिखाई देगा:
- उत्तरी अमेरिका (न्यूयॉर्क, बोस्टन, मॉन्ट्रियल)
- दक्षिण अमेरिका (उत्तरी ब्राज़ील)
- यूरोप (फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, यूके)
- उत्तरी अफ्रीका (मोरक्को, अल्जीरिया)
- आर्कटिक महासागर और अटलांटिक क्षेत्र
सूतक काल क्या है और क्या यह भारत में लागू होगा?
सूतक काल ग्रहण से पहले का वह समय होता है जिसे धार्मिक दृष्टि से अशुभ माना जाता है। इस दौरान शुभ कार्य वर्जित होते हैं।
- सूर्य ग्रहण का सूतक काल: 12 घंटे पहले से शुरू होता है
- क्या भारत में सूतक काल मान्य होगा?
नहीं, क्योंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। शास्त्रों के अनुसार, सूतक काल केवल उन्हीं क्षेत्रों में मान्य होता है जहाँ ग्रहण दिखाई देता है
धार्मिक मान्यताएँ और सावधानियाँ
हिंदू धर्म में ग्रहण को अशुभ माना जाता है, और इस दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है। हालाँकि, चूँकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए इन नियमों का पालन करना अनिवार्य नहीं है। फिर भी, जानकारी के लिए यहाँ कुछ महत्वपूर्ण सावधानियाँ दी गई हैं:
ग्रहण के दौरान क्या न करें?
- भोजन न बनाएँ और न खाएँ – मान्यता है कि ग्रहण के समय भोजन दूषित हो जाता है।
- सोने से बचें – इस समय सोने से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
- गर्भवती महिलाएँ विशेष सावधानी बरतें – उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और नुकीली वस्तुओं से दूर रहना चाहिए।
- मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं – ग्रहण के समय पूजा-पाठ नहीं की जाती
ग्रहण के बाद क्या करें?
- स्नान करें और घर को गंगाजल से शुद्ध करें
- दान-पुण्य करें – गेहूँ, तांबा, गुड़, लाल वस्त्र आदि का दान शुभ माना जाता है